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हरियाणा में इन किसानों को मिलेगी 4 हजार रूपए प्रति एकड़ सब्सिडी; पंजीकरण की अंतिम तिथि कल

Agricultural Schemes : हरियाणा सरकार ने धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को 4,000 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। जानिए DSR तकनीक का फायदा उठाने के लिए कैसे पंजीकरण करें और क्या हैं इसके लाभ।

Haryana Govt : हरियाणा | हरियाणा सरकार ने धान की खेती करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। सरकार ने उन किसानों को 4,000 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है, जो धान की सीधी बिजाई (Direct Seeding of Rice – DSR) की तकनीक अपनाएंगे। यह कदम राज्य में जल संरक्षण और खेती की लागत को कम करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, यह सहायता सभी किसानों को नहीं मिलेगी, बल्कि केवल उन्हीं किसानों को दी जाएगी जिन्होंने DSR तकनीक से धान की खेती की है।

किसे मिलेगा फायदा?

इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा जिन्होंने धान की सीधी बिजाई की है और जो इस तकनीक के प्रति जागरूक हैं। किसानों को इस सहायता का लाभ पाने के लिए 18 अगस्त 2024 तक पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण के बाद सरकार द्वारा वेरिफिकेशन की प्रक्रिया की जाएगी। इसके बाद, जिन किसानों का पंजीकरण और वेरिफिकेशन सही पाया जाएगा, उन्हें 4,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेज दी जाएगी।

किसानों के लिए फायदेआवश्यक जानकारी
सीधी बिजाई करने पर 4,000 रुपये प्रति एकड़ की सहायतापंजीकरण की अंतिम तिथि 18 अगस्त 2024
पंजीकरण fasal.haryana.gov.in पर करेंवेरिफिकेशन के बाद सीधे बैंक खाते में राशि जमा होगी

पंजीकरण प्रक्रिया और पोर्टल की जानकारी

जिन किसानों ने पहले DSR तकनीक से धान की सीधी बिजाई की थी लेकिन पंजीकरण नहीं करवा पाए थे, उनके लिए भी सरकार ने एक और मौका दिया है। ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल Meri Fasal Mera Byora को दोबारा खोलने का निर्णय लिया गया है। किसान इस पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं और इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

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क्या है DSR तकनीक?

Direct Seeding of Rice (DSR) धान की रोपाई की एक नवीन तकनीक है, जिसमें बीज को सीधे मिट्टी में बोया जाता है। इस तकनीक में परंपरागत तरीके से नर्सरी में पौधे उगाने और फिर उन्हें खेत में रोपने की जरूरत नहीं होती। DSR तकनीक से किसानों को न केवल समय की बचत होती है, बल्कि यह तकनीक पानी की खपत को भी काफी हद तक कम करती है। यह तकनीक पानी की बचत के साथ-साथ खेती की लागत को भी घटाने में मददगार साबित हो रही है।

हरियाणा सरकार का यह कदम जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीकों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे वे अधिक फसल उत्पादन कर सकें और अपनी आय में वृद्धि कर सकें।

Sandeep Kumar

नमस्कार! उमंग हरियाणा पर फ़िलहाल कंटेंट राइटर का काम कर रहा हूँ। आपको हरियाणा की ताज़ा हिंदी ख़बरों और देश-विदेश की ट्रेंडिंग न्यूज़ से आपको अपडेट रखना मेरा काम है।

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