किसानों, कच्चे कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस पर बड़ी सौगात; नायब सरकार ने कर दी बड़ी घोषणा
Haryana news : हरियाणा सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को 58 वर्ष की उम्र तक नौकरी की गारंटी दी और दादुपुर-नलवी नहर की जमीन किसानों को वापस लौटाने की समय सीमा बढ़ाई। अतिथि अध्यापकों के एक्ट में भी हुआ संशोधन।
Haryana Government :हरियाणा की नायब सरकार ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर दो महत्वपूर्ण फैसलों की घोषणा की है, जिनसे प्रदेश के कच्चे कर्मचारियों और किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को 58 वर्ष की उम्र तक नौकरी की गारंटी देने के साथ-साथ दादुपुर-नलवी नहर के लिए अधिगृहीत जमीन को किसानों को लौटाने की प्रक्रिया में समय सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
कच्चे कर्मचारियों को मिली नौकरी की सुरक्षा
हरियाणा सरकार ने ‘द हरियाणा कांट्रेक्चुअल इम्पलाइज (सिक्योरिटी ऑफ सर्विस)’ नामक एक आर्डिनेंस जारी किया है, जो कच्चे कर्मचारियों की नौकरी को 58 वर्ष की उम्र तक सुरक्षित रखने का प्रावधान करता है। इस आर्डिनेंस के तहत वे सभी कच्चे कर्मचारी आएंगे जिनका मासिक वेतन 50,000 रुपये तक है। पांच वर्ष से अधिक सेवा में कार्यरत सभी कर्मचारियों को इस आर्डिनेंस का लाभ मिलेगा।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि 5 से 8 साल तक की सेवा वाले कर्मचारियों को बेसिक-पे के साथ 5% बढ़ोतरी मिलेगी, 8 से 10 साल की सेवा वाले कर्मचारियों को 10% और 10 साल से अधिक सेवा कर चुके कर्मचारियों को 15% की बढ़ोतरी मिलेगी। इसके अलावा, इन कर्मचारियों को साल में दो बार महंगाई भत्ता (डीए) और डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी का भी लाभ मिलेगा।
अतिथि अध्यापकों के एक्ट में संशोधन
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अतिथि अध्यापकों के एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी है। यह संशोधन अतिथि अध्यापकों को उनके कार्यकाल के दौरान अधिक सुरक्षा और स्थायित्व प्रदान करने के लिए किया गया है। इस कदम से प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में कार्यरत हजारों अतिथि अध्यापकों को लाभ मिलेगा।
दादुपुर-नलवी नहर के किसानों को राहत
दादुपुर-नलवी नहर के लिए अधिगृहीत की गई जमीन को किसानों को लौटाने के मामले में भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सिंचाई विभाग ने आदेश जारी किया है कि जमीन के असली मालिक और कानूनी हकदार अब 31 अगस्त तक मुआवजा राशि का 10% पैसा जमा कर जमीन प्राप्त कर सकते हैं। बाकी राशि 31 दिसंबर तक जमा की जा सकती है। इस फैसले से प्रभावित किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।