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बच्चेदानी में गांठ होने पर दिखते हैं ये लक्षण, समय रहते हो जाना चाहिए सतर्क

Cysts in Uterus : बच्चेदानी की गांठ (फाइब्रॉइड्स) महिलाओं में एक आम समस्या है, लेकिन इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय जानना जरूरी है। जानिए, इस समस्या से बचने के आसान तरीके और कब डॉक्टर की सलाह लें।

Cysts in Uterus: बच्चेदानी की गांठ, जिसे मेडिकल भाषा में फाइब्रॉइड्स कहा जाता है, महिलाओं में एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। ये गांठें गर्भाशय की दीवारों पर विकसित होने वाले गैर-कैंसरयुक्त ऊतक होते हैं, जो महिलाओं के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। फाइब्रॉइड्स अक्सर महिलाओं में बिना किसी लक्षण के रहते हैं, लेकिन जब ये बड़े हो जाते हैं, तो कई प्रकार के लक्षण पैदा कर सकते हैं। आइए, जानते हैं बच्चेदानी की गांठ के लक्षण, कारण और इसके बचाव के उपाय।

बच्चेदानी की गांठ के लक्षण

फाइब्रॉइड्स के लक्षण अक्सर उनके आकार, संख्या और स्थान पर निर्भर करते हैं। कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • अत्यधिक ब्लीडिंग: मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव, लंबे समय तक चलने वाला रक्तस्राव या मासिक धर्म के बीच में ब्लीडिंग होना।
  • पेट में दर्द: पेट के निचले हिस्से में दर्द या दबाव महसूस होना, जो गांठ के बढ़ने के कारण होता है।
  • बार-बार पेशाब आना: फाइब्रॉइड्स मूत्राशय पर दबाव डाल सकते हैं, जिससे बार-बार पेशाब जाने की इच्छा होती है।
  • कब्ज: गांठ आंतों पर दबाव डाल सकती है, जिससे कब्ज की समस्या हो सकती है।
  • पीठ दर्द: बड़ी गांठें पीठ के निचले हिस्से में दर्द पैदा कर सकती हैं।
  • पेट का फूलना: फाइब्रॉइड्स के कारण पेट फूला हुआ महसूस हो सकता है।
  • संबंध के दौरान दर्द: गांठ यौन संबंध के दौरान दर्द का कारण बन सकती है।

बच्चेदानी की गांठ के कारण

फाइब्रॉइड्स के विकास के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्यतः निम्नलिखित शामिल हैं:

  • पारिवारिक इतिहास: अगर आपके परिवार में किसी महिला को फाइब्रॉइड्स की समस्या रही हो, तो आपको भी इसके होने का खतरा हो सकता है।
  • हार्मोनल असंतुलन: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन फाइब्रॉइड्स के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।
  • जातीय प्रभाव: अफ्रीकी अमेरिकी महिलाओं में फाइब्रॉइड्स का खतरा अधिक होता है।
  • मोटापा: मोटापे से पीड़ित महिलाओं में फाइब्रॉइड्स होने का खतरा अधिक होता है।

बच्चेदानी की गांठ की रोकथाम

फाइब्रॉइड्स से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है:

  • स्वस्थ वजन बनाए रखें: मोटापा फाइब्रॉइड्स के विकास को बढ़ावा दे सकता है, इसलिए वजन नियंत्रित रखना महत्वपूर्ण है।
  • स्वस्थ आहार लें: फाइबर से भरपूर आहार लें और प्रोसेस्ड फूड से बचें, जिससे फाइब्रॉइड्स का खतरा कम हो सकता है।
  • नियमित व्यायाम करें: रोजाना एक्सरसाइज करने से न केवल शरीर फिट रहता है, बल्कि यह फाइब्रॉइड्स के विकास को भी रोक सकता है।

डॉक्टर की सलाह जरूरी

फाइब्रॉइड्स के लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। इस समस्या का समय पर इलाज न होने पर यह गंभीर रूप धारण कर सकती है। याद रखें, स्व-उपचार से बचें और किसी भी प्रकार की जानकारी को लागू करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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