15 अगस्त को ध्वजारोहण होगा या झंडा फहराया जाएगा? समझिए दोनों में अंतर
Independence Day 2024, स्वतंत्रता दिवस 2024 पर ध्वजारोहण और गणतंत्र दिवस पर ध्वज फहराने में अंतर जानें। प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर ध्वजारोहण और राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराने की प्रक्रिया के पीछे की भावना को समझें।
Difference Between Flag Hoisting and Flag Unfurling : 15 अगस्त 2024 को पूरा भारत 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है। इस मौके पर पूरे देश में देशभक्ति की लहर दौड़ जाएगी, लोग स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को याद करेंगे, एक-दूसरे को बधाई देंगे और मिठाइयां बाटेंगे। इसके साथ ही, विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों, स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर ध्वजारोहण (Flag Hoisting) का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
ध्वजारोहण और ध्वज फहराना: समझें अंतर
स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण और गणतंत्र दिवस पर ध्वज फहराना, ये दोनों गतिविधियां भले ही एक जैसी लगती हैं, लेकिन इन दोनों के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर है। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister) लाल किले पर ध्वजारोहण (Flag Hoisting) करेंगे, जबकि गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति (President) तिरंगा झंडा फहराते (Flag Unfurling) हैं।
गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराना
गणतंत्र दिवस (Republic Day) के अवसर पर तिरंगा झंडा पोल पर पहले से ही बंधा होता है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा एक डोर खींचकर फहराया जाता है। इसे झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहा जाता है। यह प्रक्रिया संविधान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है और यह बताती है कि भारत एक स्वतंत्र, संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य है।
स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण
दूसरी ओर, स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर तिरंगे झंडे को नीचे से ऊपर की ओर खींचा जाता है। प्रधानमंत्री इस दिन ध्वजारोहण (Flag Hoisting) करते हैं। इस प्रक्रिया में झंडा नीचे से ऊपर की ओर खींचा जाता है, जिससे यह प्रतीक बनता है कि भारत ने औपनिवेशिक शासन से आजादी प्राप्त की है।
अवसर | प्रक्रिया | द्वारा संपन्न |
---|---|---|
गणतंत्र दिवस | झंडा फहराना (Flag Unfurling) | राष्ट्रपति (President) |
स्वतंत्रता दिवस | ध्वजारोहण (Flag Hoisting) | प्रधानमंत्री (Prime Minister) |
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस: दोनों का महत्व
गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस, दोनों ही दिन राष्ट्रीय महत्व के होते हैं। गणतंत्र दिवस हमें यह याद दिलाता है कि भारत का संविधान लागू हुआ था, जो देश की नींव है। जबकि स्वतंत्रता दिवस हमें भारत की आजादी के संघर्ष और उसके परिणामस्वरूप स्वतंत्रता मिलने की याद दिलाता है।
समारोह का महत्व
दोनों अवसरों पर तिरंगे झंडे का सम्मान किया जाता है, लेकिन इनके फहराने की प्रक्रिया और इसके पीछे की भावना अलग होती है। जहां गणतंत्र दिवस पर तिरंगा हमारे संविधान और लोकतंत्र की शक्ति का प्रतीक है, वहीं स्वतंत्रता दिवस पर यह ध्वजारोहण हमारे संघर्ष और बलिदानों की याद दिलाता है।