पाली में स्थित ओम मंदिर; 28 साल की मेहनत से बनी दुनिया की अनोखी धार्मिक संरचना
Om Temple Pali: पाली में स्थित ओम मंदिर, 28 साल की मेहनत से बनी अद्वितीय ओम आकृति वाली धार्मिक संरचना। जानें इसके निर्माण, वास्तुकला और कैसे पहुंचें।
Om Shaped Shiva Temple: भारत की यात्रा मंदिरों के बिना अधूरी है, और राजस्थान के पाली में स्थित ओम मंदिर इस कहावत को पूरी तरह सही साबित करता है। यह शिव मंदिर अपने अनोखे ओम आकृति के लिए जाना जाता है और पूरी दुनिया में अपनी तरह का एकमात्र मंदिर है। 28 साल की मेहनत और परिश्रम से तैयार किया गया यह मंदिर धार्मिक और स्थापत्य दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।
मंदिर का निर्माण और वास्तुकला
पाली के जाडन में 1995 में ओम मंदिर के निर्माण की शुरुआत हुई थी। अलखपूरी सिद्धपीठ परम्परा के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महेश्वरानंद महाराज ने इस मंदिर को बनाने का सपना 40 साल पहले देखा था। 250 एकड़ में फैला यह मंदिर चार मंजिला है और इसमें 1008 भगवान शिव की प्रतिमाएं हैं। 108 कमरे और 12 ज्योतिर्लिंग भी इस मंदिर का हिस्सा हैं, जो भक्तों को एक साथ दर्शन करने का अवसर प्रदान करते हैं।
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मंदिर के निर्माण में 28 साल का समय लगा और इसमें धौलपुर का गुलाब बंसी पहाड़पुर का पत्थर इस्तेमाल किया गया। 400 मजदूरों ने दिन-रात मेहनत कर इस अनोखे मंदिर को तैयार किया। मंदिर का शिखर 135 फीट ऊंचा है और इसे नागर शैली में तैयार किया गया है, जिसमें पत्थर के चबूतरे पर मंदिर का निर्माण किया गया है।
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ओम मंदिर की विशेषताएं
- आकृति: ओम आकृति की वजह से इसे ओम मंदिर भी कहा जाता है।
- शिल्प: नागर शैली में निर्मित मंदिर, जिसमें सीढ़ियां और चबूतरे का प्रयोग किया गया है।
- उम्र: 28 साल की मेहनत से तैयार हुआ यह मंदिर।
- विशेष स्थान: 12 ज्योतिर्लिंग, 1008 भगवान शिव की प्रतिमाएं और 108 कमरे।
कैसे पहुंचे
इस अद्वितीय मंदिर को देखने के लिए आपको पाली के जाडन में पहुंचना होगा। जोधपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी 71 किलोमीटर है। यदि आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं, तो मारवाड़ जंक्शन पर उतरना होगा। मंदिर 500 मीटर के दायरे में फैला हुआ है, और यह स्थल टूरिस्टों को अपनी अनोखी आकृति और निर्माण शैली के कारण आकर्षित करता है।
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