क्या पोर्न मूवी डाउनलोड करना या देखना अपराध है? जानें क्या कहता हैं भारत का कानून
Child Pornography Case Supreme Court Verdict :
Child Pornography Case Supreme Court Verdict: भारत में पोर्नोग्राफी को लेकर कानूनी स्थिति कई बार बहस का विषय रही है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में केरल हाईकोर्ट के उस निर्णय को बरकरार रखा है, जिसमें कहा गया था कि व्यक्तिगत रूप से अश्लील सामग्री देखना अपराध नहीं है, लेकिन यदि वही सामग्री किसी अन्य को दिखाई जाती है या शेयर की जाती है, तो यह गैरकानूनी माना जाएगा। आइए जानते हैं भारत में पोर्नोग्राफी से संबंधित कानून और इससे जुड़ी सजा के बारे में विस्तार से।
व्यक्तिगत स्वतंत्रता बनाम सार्वजनिक दिखाना: कानूनी दृष्टिकोण
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि व्यक्तिगत रूप से पोर्न देखना न तो गलत है और न ही गैरकानूनी है। यह व्यक्ति के व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का हिस्सा माना जाता है। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति इस सामग्री को सार्वजनिक स्थान पर दिखाता है या दूसरों के साथ शेयर करता है, तो यह अपराध की श्रेणी में आता है।
अश्लील सामग्री दिखाना: केरल हाईकोर्ट के निर्णय के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से अश्लील सामग्री देखता है, तो यह आईपीसी की धारा 292 के तहत अपराध नहीं माना जाता। लेकिन अगर वही व्यक्ति इस सामग्री को किसी और को दिखाता है या शेयर करता है, तो यह धारा 292 के तहत अपराध होगा। इसके अलावा, पोर्न मूवीज़ का लिंक शेयर करना भी अपराध के दायरे में आता है।
भारतीय कानून और सजा
पोर्नोग्राफी का कानूनी परिप्रेक्ष्य: भारत में पोर्नोग्राफी देखने को निजी स्वतंत्रता के तहत मान्यता प्राप्त है, लेकिन इसे डाउनलोड करने, संग्रहित करने और वायरल करने को अपराध माना जाता है। इसके लिए IT एक्ट की धारा 67, 67A और 67B के तहत सजा का प्रावधान है।
सजा के प्रावधान:
- धारा 67: पोर्न कंटेंट देखने, डाउनलोड करने और वायरल करने पर पहली बार पकड़े जाने पर 3 साल की सजा और ₹5 लाख का जुर्माना। पुनरावृत्ति पर 5 साल की सजा और ₹10 लाख का जुर्माना।
- धारा 67A: मोबाइल में पोर्न कंटेंट रखने और वायरल करने पर पहली बार पकड़े जाने पर 5 साल की सजा और ₹10 लाख का जुर्माना। पुनरावृत्ति पर 7 साल की सजा और ₹10 लाख का जुर्माना।
- धारा 67B: चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े वीडियो या फोटो रखने पर पहली बार पकड़े जाने पर 5 साल की सजा और ₹10 लाख का जुर्माना। पुनरावृत्ति पर 7 साल की सजा और ₹10 लाख का जुर्माना। POCSO कानून के तहत अलग से कार्रवाई की जाती है।
पोर्न वीडियोज बनाना और वायरल करना: IT एक्ट 2000 के तहत पोर्न वीडियोज बनाना, खरीदना, बेचना और वायरल करना प्रतिबंधित है। इसमें आईपीसी की धारा 292 और 293 के तहत सजा का प्रावधान है।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य
पोर्नोग्राफी के सबसे बड़े दर्शक देश:
- पाकिस्तान
- मिस्र
- वियतनाम
- ईरान
- मोरक्को
- भारत
- सऊदी अरब
- तुर्की