काम की खबर! अब केवल ₹15,000 देकर आप भी लगवा सकते हैं बिना बैटरी वाला 1kW Solar Panel
1kW Solar Panel : बिना बैटरी के 1KW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम: सरकारी सब्सिडी और लागत की पूरी जानकारी देखिये इसी खबर में
1kW Solar Panel : आज के समय में बिजली की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए लोग सोलर पैनल्स की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं। सोलर पैनल्स, जो सोलर एनर्जी से बिजली पैदा करते हैं, एक ईको-फ्रेंडली विकल्प प्रदान करते हैं और आपके बिजली के बिलों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इस लेख में, हम बिना बैटरी के 1KW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की लागत, सरकारी सब्सिडी और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
बिना बैटरी के 1KW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम
1KW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरी की आवश्यकता नहीं होती। यह सिस्टम पावर बैकअप के लिए बिजली स्टोर नहीं करता बल्कि सोलर पैनल द्वारा जनरेट की गई बिजली का उपयोग ग्रिड द्वारा सप्लाई की गई बिजली के साथ किया जाता है। यह प्रक्रिया ‘नेट मीटरिंग’ के माध्यम से मापी जाती है, जिससे बिजली के बिलों में कमी आती है।
सरकारी सब्सिडी:
इस साल, सरकार ने पीएम सूर्य योजना के तहत मुफ्त बिजली और सब्सिडी प्रदान करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत, बिना बैटरी के 1KW सोलर सिस्टम पर ₹30,000 तक की सब्सिडी मिल सकती है और 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जा सकती है।
1KW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की लागत
सोलर पैनल की लागत:
- 1kW सोलर पैनल: ₹25,000
सोलर इन्वर्टर की लागत:
- 1kVA सोलर इन्वर्टर: ₹10,000
अन्य खर्च:
- अतिरिक्त खर्च: ₹10,000
कुल लागत: ₹45,000
सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाकर आप इस सिस्टम को केवल ₹15,000 से ₹25,000 में इंस्टॉल कर सकते हैं।
सोलर सिस्टम के घटक
सोलर पैनल्स: सोलर पैनल्स तीन प्रकार के होते हैं: पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन, और बाइफेसियल।
- बाइफेसियल पैनल: उच्च दक्षता और महंगे होते हैं।
- मोनोक्रिस्टलाइन पैनल: उच्च दक्षता के लिए प्रसिद्ध हैं।
- पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल: सबसे किफायती होते हैं।
सोलर पैनल्स आमतौर पर 25 साल की वारंटी के साथ आते हैं।
सोलर इन्वर्टर: सोलर इन्वर्टर डायरेक्ट करंट (DC) को अल्टरनेटिंग करंट (AC) में बदलता है। बाजार में कई ब्रांड्स उपलब्ध हैं जो PWM (पल्स विड्थ मॉड्यूलेशन) और MPPT (मैक्सिमम पावर पॉइंट ट्रैकिंग) टेक्नोलॉजी प्रदान करते हैं।
सोलर सिस्टम की देखभाल
सोलर सिस्टम की दक्षता बनाए रखने के लिए पैनलों की नियमित सफाई जरूरी है। डर्ट बिल्ड-अप को रोकने के लिए पैनलों को समय-समय पर साफ करें, जिससे वे अपनी पूरी कैपेसिटी से बिजली जनरेट कर सकें।