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कर्ज से परेशान खूबसूरत जोड़े ने हरिद्वार में की आत्महत्या, सुसाइड नोट पढ़ कर आपका दिल रो देगा!

सहारनपुर के साईं ज्वेलर्स के स्वामी सौरभ बब्बर और पत्नी मोना ने कर्ज के बोझ से तंग आकर गंगा में कूदकर दी जान

Bullion Trader Committed Suicide: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। साईं ज्वेलर्स के स्वामी सौरभ बब्बर और उनकी पत्नी मोना ने कर्ज के अत्यधिक दबाव के चलते हरिद्वार की गंगा नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से पहले दोनों ने एक ‘ऑन द स्पॉट’ सेल्फी ली और उसे अपने दोस्तों को व्हाट्सएप पर भेज दिया। सुसाइड नोट में सौरभ ने साफ तौर पर लिखा कि कर्ज का बोझ सहन न कर पाने के कारण दोनों ने यह कठोर कदम उठाया।

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सुसाइड से पहले आखिरी सेल्फी

इस दुखद घटना से पहले, सौरभ और मोना ने गंगा के किनारे एक आखिरी सेल्फी ली। इस सेल्फी को उन्होंने अपने करीबी दोस्तों को व्हाट्सएप पर भेजा, जिससे इस हादसे का अंदेशा लगाना भी मुश्किल था। सेल्फी में दोनों मुस्कुरा रहे थे, लेकिन अंदर ही अंदर कर्ज की चिंता उन्हें इस कदर परेशान कर चुकी थी कि उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म करने का निर्णय ले लिया।

सुसाइड नोट: दिल को छू जाने वाले आखिरी शब्द

सौरभ ने सुसाइड नोट में लिखा, “हम दोनों कर्ज के भारी बोझ के नीचे दब चुके हैं। इस बोझ को और नहीं सह सकते, इसलिए हम अपनी जिंदगी को अलविदा कह रहे हैं।” इस नोट ने न सिर्फ परिवार वालों बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है।

शव बरामद, तलाश जारी

घटना के बाद पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने सौरभ का शव गंगा नदी से बरामद कर लिया है, जबकि मोना की लाश की तलाश अभी भी जारी है। इस हादसे ने सहारनपुर और हरिद्वार दोनों जगहों पर शोक की लहर फैला दी है। स्थानीय लोग इस घटना से स्तब्ध हैं और परिवार के प्रति सहानुभूति जता रहे हैं।

आर्थिक तंगी के कारण बढ़ रहे हैं आत्महत्या के मामले

भारत में आर्थिक तंगी और कर्ज के कारण आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए समाज में आर्थिक जागरूकता और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

इस घटना ने फिर से उठाए सवाल

इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आर्थिक तंगी और कर्ज के कारण कितने लोग अपनी जिंदगी को इस तरह खत्म कर रहे हैं। यह समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि हमें ऐसे लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए जो आर्थिक तंगी के कारण खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं।

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