अग्निवीर भर्ती में बड़ा बदलाव; अब टाइपिंग टेस्ट अनिवार्य, नौकरी के बाद भी सेना की नजर में रहेंगे अग्निवीर
Agniveer Bharti 2024: भारतीय सेना ने अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले क्लर्क और स्टोरकीपर पदों के लिए टाइपिंग टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है। यह नया नियम 2024-25 के भर्ती सत्र से लागू होगा, जिससे उम्मीदवारों को अपनी टाइपिंग क्षमता पर विशेष ध्यान देना होगा। इस बदलाव के संबंध में सेना ने सभी सेना बोर्डों को निर्देश जारी कर दिए हैं, ताकि भर्ती प्रक्रिया में नई व्यवस्था का पालन हो सके।
नया नियम: टाइपिंग टेस्ट अनिवार्य
सेना ने अग्निवीर क्लर्क और स्टोरकीपर पदों के लिए टाइपिंग टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है, जो कि 2024-25 के भर्ती सत्र से लागू होगा। हालांकि, टाइपिंग टेस्ट के मानकों के बारे में विस्तृत जानकारी अभी तक साझा नहीं की गई है। अंग्रेजी के लिए 35 शब्द प्रति मिनट और हिंदी के लिए 30 शब्द प्रति मिनट की गति की चर्चा हो रही है, लेकिन इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी। अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार सेना की भर्ती वेबसाइट पर अधिसूचना देख सकते हैं।
क्लर्क और स्टोरकीपर पदों के लिए योग्यता
सेना में अग्निवीर क्लर्क और स्टोरकीपर पदों पर भर्ती होने के लिए उम्मीदवारों को 12वीं में कम से कम 60% अंक प्राप्त करने अनिवार्य हैं। इसके साथ ही प्रत्येक विषय में न्यूनतम 50% अंक होना भी आवश्यक है। विशेष रूप से, क्लर्क पद के लिए अंग्रेजी, गणित, अकाउंट एवं बुक कीपिंग विषयों का होना अनिवार्य है।
श्रेणी | योग्यता |
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न्यूनतम शैक्षिक योग्यता | 12वीं में 60% अंक और प्रत्येक विषय में 50% |
अनिवार्य विषय | अंग्रेजी, गणित, अकाउंट और बुक कीपिंग |
आयु सीमा और परीक्षा प्रक्रिया
इन पदों के लिए आयु सीमा 17.5 से 21 साल के बीच निर्धारित की गई है। भर्ती प्रक्रिया के तहत उम्मीदवारों को फिजिकल टेस्ट और लिखित परीक्षा से गुजरना होगा। लिखित परीक्षा में दो घंटे का समय दिया जाएगा, जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रत्येक गलत उत्तर पर 25% की नकारात्मक मार्किंग होगी। सामान्य उम्मीदवारों को न्यूनतम 35 अंक प्राप्त करने होंगे, जबकि तकनीकी पदों के लिए यह सीमा 80 अंक निर्धारित की गई है।
अग्निवीरों के लिए खुशखबरी: आपातकालीन स्थितियों में पुनः सेवा
अग्निवीरों के लिए एक और अच्छी खबर यह है कि रक्षा मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि चार साल की सेवा के बाद भी आपातकालीन परिस्थितियों में अग्निवीरों का पुनः उपयोग किया जा सकता है। इस प्रस्ताव पर विचार चल रहा है और 2026 से पहले इस संबंध में निर्णय लिया जा सकता है, क्योंकि उसी दौरान अग्निवीरों के पहले बैच का कार्यकाल समाप्त होगा।
सेवा समाप्ति के बाद क्या?
सेना में चार साल की सेवा के बाद अधिकतम 25% अग्निवीरों को ही स्थायी किया जाएगा, जबकि शेष 75% या उससे अधिक को सेवा छोड़नी होगी। हालांकि, इन प्रशिक्षित युवाओं के लिए पुलिस, अर्धसैनिक बलों और राज्य सेवाओं में रोजगार के कई अवसर उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, आपातकालीन स्थिति में सेना भी इन युवाओं का उपयोग कर सकती है।