बाइक और स्कूटर चलाने वालों के लिए चेतावनी; लागू हो रहा ट्रैफिक का नया नियम
Latest Hindi News, Traffic Rules : अगर आप दोपहिया वाहन का उपयोग करते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। आंध्र प्रदेश के बड़े शहर विशाखापट्टनम में 1 सितंबर से एक नया नियम लागू होने जा रहा है, जिसके तहत अब दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाले व्यक्ति को भी हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। इस नियम का पालन न करने पर चालान और सजा का सामना करना पड़ सकता है।
विशाखापट्टनम में क्यों लागू हुआ यह नया नियम?
विशाखापट्टनम में बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए इस नए नियम को लागू किया जा रहा है। दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट के तहत दोपहिया वाहन पर पीछे बैठकर यात्रा करते समय हेलमेट पहनना पहले से ही अनिवार्य है, लेकिन देश के कई हिस्सों में इसका पालन नहीं होता। इसीलिए, विशाखापट्टनम के जिला कलेक्टर और जिला सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष हरेंधीरा प्रसाद, और शहर के पुलिस आयुक्त शंखब्रत बागची ने हाल ही में एक बैठक में इस नियम को सख्ती से लागू करने का फैसला किया।
कड़े जुर्माने का प्रावधान
विशाखापट्टनम पुलिस ने स्पष्ट किया है कि इस नियम का उल्लंघन करने पर 1035 रुपये का चालान काटा जाएगा। इतना ही नहीं, नियम तोड़ने वालों का लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित भी किया जा सकता है। इसके अलावा, हेलमेट की गुणवत्ता को लेकर भी सख्त निर्देश दिए गए हैं। केवल आईएसआई मार्क वाले हेलमेट ही स्वीकार्य होंगे, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सड़क सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट का आदेश
विशाखापट्टनम में हेलमेट पहनने के इस नियम को लागू करने का निर्णय आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद लिया गया है। हाईकोर्ट ने शहर में बढ़ते सड़क हादसों और मौतों को देखते हुए यह आदेश दिया। यह नियम न केवल चालक की सुरक्षा के लिए बल्कि पीछे बैठने वाले व्यक्ति की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
नियम | प्रभावित क्षेत्र | जुर्माना/सजा |
---|---|---|
पीछे बैठने वाले व्यक्ति का हेलमेट | विशाखापट्टनम | 1035 रुपये चालान, 3 महीने के लिए लाइसेंस निलंबन |
हेलमेट की क्वालिटी | विशाखापट्टनम | आईएसआई मार्क न होने पर सख्त कार्रवाई |
अन्य शहरों में भी लागू है यह नियम
विशाखापट्टनम में लागू होने वाला यह नियम दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में पहले से ही सख्ती से लागू है। वहां दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाले व्यक्ति के हेलमेट न पहनने पर चालान काटा जाता है। हालांकि, देश के कई अन्य हिस्सों में इस नियम का पूरी तरह पालन नहीं हो रहा है।