Vinesh Phogat: हरियाणा की मशहूर पहलवान विनेश फौगाट ने ओलंपिक से बाहर होने के बाद कुश्ती को अलविदा कह दिया है। उनके इस फैसले से प्रदेश के खेल प्रेमियों में मायूसी छा गई है, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने घोषणा की है कि विनेश का स्वागत एक मेडलिस्ट की तरह किया जाएगा।
सीएम का संदेश
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा, “हरियाणा की हमारी बहादुर बेटी विनेश फौगाट ने ज़बरदस्त प्रदर्शन करके ओलंपिक में फाइनल में प्रवेश किया था। किन्हीं भी कारणों से वो भले ही ओलंपिक का फाइनल नहीं खेल पाई हो, लेकिन हम सबके लिए वो एक चैंपियन है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी सरकार ने यह फैसला किया है कि विनेश फौगाट का स्वागत और अभिनंदन एक मेडलिस्ट की तरह ही किया जाएगा। हरियाणा सरकार ओलंपिक रजत पदक विजेता को जो सम्मान, ईनाम और सुविधाएँ देती है, वे सभी विनेश फौगाट को भी कृतज्ञता पूर्वक दी जायेंगी। हमें आप पर गर्व है, विनेश!”
विनेश फौगाट की उपलब्धियाँ
विनेश फौगाट ने अपने कुश्ती करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उन्होंने एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, और वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीते हैं। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें हरियाणा और देश की एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया है।
विनेश का स्वागत कार्यक्रम
कार्यक्रम | विवरण |
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स्वागत समारोह | हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित |
स्थान | चंडीगढ़, हरियाणा |
सम्मान | मेडलिस्ट के समान सम्मान और ईनाम |
विनेश फौगाट का स्वागत हरियाणा सरकार द्वारा विशेष समारोह में किया जाएगा। इस कार्यक्रम में विनेश को वही सम्मान और ईनाम मिलेंगे, जो ओलंपिक रजत पदक विजेताओं को दिए जाते हैं।
प्रशंसकों की प्रतिक्रिया
विनेश फौगाट के कुश्ती से संन्यास लेने के फैसले पर उनके प्रशंसकों ने मिश्रित प्रतिक्रियाएँ दी हैं। कुछ लोग उनकी उपलब्धियों को सराहते हैं और उन्हें देश का गौरव मानते हैं, जबकि कुछ लोग उनके फैसले से निराश हैं।
खेल मंत्रालय की प्रतिक्रिया
हरियाणा के खेल मंत्रालय ने भी विनेश फौगाट के सम्मान में कई योजनाओं की घोषणा की है। मंत्री ने कहा, “विनेश फौगाट ने देश और राज्य का नाम रोशन किया है। हम उनके इस योगदान को हमेशा याद रखेंगे और उन्हें हर संभव मदद प्रदान करेंगे।”
भविष्य की योजनाएँ
विनेश फौगाट ने अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन यह तय है कि वे खेल के क्षेत्र में किसी न किसी रूप में जुड़ी रहेंगी। उनके अनुभव और ज्ञान का लाभ युवा पहलवानों को मिलेगा।