हरियाणा के सिरसा में इंटरनेट बंद; डेरा मुखी के निधन से छिड़ा गद्दी विवाद
Internt Off in Sirsa: सिरसा, हरियाणा के सिरसा जिले में बुधवार शाम 5 बजे से गुरुवार रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। इस दौरान बल्क SMS भेजने पर भी पाबंदी रहेगी, हालांकि ब्रॉडबैंड और लीजलाइन इंटरनेट सेवाएं चालू रहेंगी और कॉल की सुविधा भी उपलब्ध होगी। यह कदम सरकार ने डेरा जगमालवाली में गद्दी विवाद को लेकर उठाया है।
गद्दी विवाद का कारण
कुछ दिन पहले डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील का निधन हो गया था। इसके बाद दो पक्षों में गद्दी को लेकर विवाद शुरू हो गया। डेरा प्रमुख की रस्म पगड़ी समारोह को देखते हुए, विवाद बढ़ने की आशंका के मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है।
एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी ने सिरसा के DC को पत्र लिखकर इंटरनेट बंद करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का हवाला दिया गया है।
डेरा प्रमुख के निधन और गद्दी विवाद
डेरा जगमालवाली के संत वकील साहब का 1 अगस्त को निधन हो गया था। उस दिन से ही गद्दी को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है और दो पक्षों में फायरिंग भी हुई थी। अभी तक इस विवाद का समाधान नहीं हो पाया है।
विवाद के पक्ष:
पक्ष | दावा |
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महात्मा बीरेंद्र सिंह | डेरे के मुख्य सेवक और सूफी गायक, वसीयत के आधार पर गद्दी के दावेदार |
अमर सिंह | डेरा मुखी के भतीजे, वसीयत और डेरा प्रमुख की मौत को संदिग्ध मानते हैं |
सूफी सिंगर बीरेंद्र सिंह और भतीजे के बीच गद्दी की लड़ाई
डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील के निधन के बाद, डेरे के मुख्य सेवक और सूफी गायक महात्मा बीरेंद्र सिंह वसीयत के आधार पर गद्दी के दावेदार हैं। वहीं, डेरा मुखी के भतीजे अमर सिंह वसीयत और उनकी मौत को संदिग्ध मानते हैं।
भतीजे का दावा: मौत की जानकारी छिपाई
डेरा मुखी के भतीजे अमर सिंह का दावा है कि डेरा प्रमुख वकील साहब की मौत 21 जुलाई को हो चुकी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि गद्दी हथियाने के चक्कर में जानबूझकर मौत को छिपाया गया और 1 अगस्त को उनकी मौत दिखाकर तुरंत डेरे में अंतिम संस्कार की योजना बनाई गई। अमर सिंह का कहना है कि बीरेंद्र सिंह और उसके साथियों ने मिलकर यह सब किया।
मुख्य सेवक बोले- डेढ़ साल पहले की वसीयत
दूसरे पक्ष में महात्मा बीरेंद्र सिंह से जुड़े शमशेर सिंह लहरी ने कहा कि डेरा प्रमुख ने डेढ़ साल पहले बिना किसी के दबाव में डेरे की वसीयत महात्मा बीरेंद्र सिंह के नाम की थी। वसीयत के अनुसार, महात्मा बीरेंद्र ही डेरे के उत्तराधिकारी हैं। मगर पहला पक्ष इसको स्वीकार करने को तैयार नहीं है।
शांति व्यवस्था के लिए उठाए गए कदम
सरकार की ओर से इंटरनेट बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं ताकि विवाद और न बढ़े। सिरसा जिले में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।