चंडीगढ़: हरियाणा में सरकारी नौकरी में अनुसूचित जाति के आरक्षण के वर्गीकरण को लेकर बड़ा फैसला लागू हो गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में यह घोषणा की कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अनुसूचित जाति के आरक्षण में वर्गीकरण लागू करने का निर्णय लिया है। यह कदम हरियाणा के सरकारी विभागों में भर्ती प्रक्रिया को और भी पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में की घोषणा
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरी में अनुसूचित जाति के आरक्षण में वर्गीकरण को लेकर अपना फैसला सुनाया था, जिसे हरियाणा की कैबिनेट पहले ही पास कर चुकी थी। अब यह फैसला राज्य में लागू हो गया है और इससे राज्य के हजारों अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों में अधिक अवसर मिलेंगे।
क्या है अनुसूचित जाति के आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि सरकारी नौकरी में अनुसूचित जाति के आरक्षण को वर्गीकृत किया जाए ताकि उसे अधिक न्यायपूर्ण और प्रभावी बनाया जा सके। इसका मतलब है कि अनुसूचित जाति के भीतर अलग-अलग श्रेणियों को पहचानने और उनके लिए विशेष आरक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी। इससे उन वर्गों को फायदा मिलेगा जो अब तक मुख्यधारा से बाहर थे या जिन्हें उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा था।
हरियाणा की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को पूरी तरह से लागू करने का निर्णय लिया और इसे कैबिनेट से मंजूरी दी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह भी कहा कि इस फैसले के बाद सरकारी नौकरी में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को नौकरी में हिस्सेदारी और अधिक मिलेगी।
मुख्य सचिव की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा आदेश
आज से, हरियाणा राज्य में सरकारी नौकरी में अनुसूचित जाति के आरक्षण के वर्गीकरण का यह आदेश लागू हो गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि शाम 5 बजे के बाद इस आदेश को मुख्य सचिव की वेबसाइट पर देखा जा सकेगा, जिससे राज्य के उम्मीदवारों को इससे संबंधित पूरी जानकारी मिल सकेगी।
इस फैसले से होगा क्या फायदा?
यह कदम राज्य में सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को अधिक अवसर प्रदान करेगा। पहले के मुकाबले, अधिक श्रेणियों को इस आरक्षण के तहत लाकर उन्हें बेहतर अवसर दिए जाएंगे। इससे सामाजिक समानता और न्याय की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया जाएगा।
इसके अलावा, यह कदम हरियाणा के सरकारी विभागों में भर्ती प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाएगा, जिससे पात्र उम्मीदवारों को बिना किसी भेदभाव के सरकारी नौकरी मिल सकेगी।
विधानसभा में हुआ फैसला, अब लागू होगा पूरी तरह से
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस फैसले के बारे में विधानसभा में जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम हरियाणा में लंबे समय से रुके हुए बदलावों को लागू करने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। हरियाणा सरकार का यह फैसला राज्य में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा।
इससे न केवल सरकारी नौकरियों में उनके हिस्से को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि उनका सामाजिक और आर्थिक उत्थान भी सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री ने इस फैसले की गति को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्धता जताई है और कहा है कि राज्य सरकार इस प्रक्रिया में कोई भी कमी नहीं होने देगी।
फैसला लागू होने के बाद की संभावनाएँ
अब जब यह फैसला लागू हो चुका है, राज्य में सरकारी नौकरी में अनुसूचित जाति के वर्गीकरण के आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। यह योजना सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने में मदद करेगी और साथ ही साथ विभिन्न सरकारी योजनाओं में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए अधिक अवसर प्रदान करेगी।
जनता की प्रतिक्रियाएँ
इस फैसले के बाद से हरियाणा के लोगों में खुशी की लहर है। कई सामाजिक संगठनों और नेताओं ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए सराहा है। उन्होंने कहा कि यह कदम अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है और अब उन्हें सरकारी नौकरी पाने में कोई रुकावट नहीं आएगी।
हरियाणा सरकार का यह फैसला राज्य के सरकारी विभागों में आरक्षण को और ज्यादा न्यायपूर्ण बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अनुसूचित जाति के आरक्षण के वर्गीकरण से राज्य में हजारों उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों में अधिक अवसर मिलेंगे और इससे सामाजिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में यह ऐलान किया और इस आदेश को अब राज्य में लागू कर दिया गया है।