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भारत के प्रमुख 230 साल पुराने रेड लाइट एरिया; ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थिति

Red Light Area, Kamathipura, Sonagachi, GB Road: भारत के प्रमुख रेड लाइट एरिया जैसे कमाठीपुरा, सोनागाछी, और जीबी रोड का ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व। जानिए इन क्षेत्रों की वर्तमान स्थिति और इनसे जुड़े विवादास्पद मुद्दे।

Red Light Area, Kamathipura, Sonagachi, GB Road: भारत में वेश्यावृत्ति का व्यापार एक पुरानी और जटिल सामाजिक समस्या है, जिसकी जड़ें देश के इतिहास में गहरी हैं। देशभर में कई रेड लाइट एरिया हैं, जो न केवल अपने प्राचीन इतिहास के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि आज भी विवादास्पद मुद्दे बने हुए हैं। इन क्षेत्रों में हजारों महिलाएं अपनी आजीविका के लिए इस व्यापार में शामिल हैं। आइए जानते हैं देश के कुछ प्रमुख रेड लाइट एरिया और उनकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में।

कमाठीपुरा: दुनिया के सबसे पुराने रेड लाइट एरिया में से एक

मुंबई का कमाठीपुरा न केवल भारत का, बल्कि दुनिया के सबसे पुराने रेड लाइट एरिया में से एक है। इस क्षेत्र की शुरुआत 1795 में हुई थी, जब निर्माण कार्य में लगी महिलाओं ने यहां देह व्यापार शुरू किया। अंग्रेजों के समय में, 1880 के दशक में यह क्षेत्र ब्रिटिश शासन के नियंत्रण में आ गया और उस समय यहां यूरोपीय सेक्स वर्कर्स भी सक्रिय थीं। स्वतंत्रता के बाद, भारतीय महिलाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई और आज कमाठीपुरा भारत के प्रमुख रेड लाइट क्षेत्रों में से एक है। यहां की गलियों में आज भी हजारों महिलाएं इस व्यापार से जुड़ी हैं, जो इसे भारत के सबसे चर्चित इलाकों में से एक बनाता है।

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सोनागाछी: एशिया का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया

कोलकाता का सोनागाछी एशिया का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध रेड लाइट एरिया है। यह क्षेत्र अपनी विशालता और जटिलता के लिए जाना जाता है, जहां हजारों महिलाएं वेश्यावृत्ति में संलग्न हैं। इस क्षेत्र में कई बहुमंजिला इमारतें हैं, जहां अनुमानित 11,000 महिलाएं इस व्यापार में लगी हुई हैं। शोभा बाजार के समीप स्थित इस क्षेत्र में वेश्यावृत्ति को कानूनी स्वीकृति मिली हुई है और यहां महिलाओं को लाइसेंस भी प्रदान किया जाता है। सोनागाछी का नाम अक्सर भारतीय फिल्मों और साहित्य में भी आता है, जो इसकी प्रासंगिकता को दर्शाता है।

जीबी रोड: दिल्ली का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया

दिल्ली का जीबी रोड, जिसे अब स्वामी श्रद्धानंद मार्ग के नाम से जाना जाता है, राजधानी का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध रेड लाइट एरिया है। इसका इतिहास मुगलकाल तक जाता है, जब यहां कुल पांच प्रमुख कोठे हुआ करते थे। आज, यह क्षेत्र कई मंजिलों में बंटा हुआ है और यहां कई महिलाएं इस व्यापार में शामिल हैं। जीबी रोड का नाम बदलने के बावजूद, इसकी पहचान आज भी वैसी ही बनी हुई है।

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अन्य प्रमुख रेड लाइट क्षेत्र

मुंबई, कोलकाता और दिल्ली के अलावा, भारत के अन्य शहरों में भी रेड लाइट एरिया मौजूद हैं, जो अपनी प्राचीनता और विशालता के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें पुणे का बुधवार पेठ और प्रयागराज का मीरगंज इलाके प्रमुख हैं। इन क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर देह व्यापार होता है और यहां की गलियां इतिहास से भरी हुई हैं।

इन रेड लाइट क्षेत्रों में नेपाली महिलाओं की भी बड़ी संख्या शामिल है, जो विभिन्न कारणों से इस व्यापार में संलग्न होती हैं। यह दर्शाता है कि भारत में वेश्यावृत्ति का व्यापार कितनी गहराई से जड़ें जमा चुका है और इसे समाप्त करने के प्रयासों के बावजूद, यह समस्या आज भी गंभीर बनी हुई है।

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सामाजिक और आर्थिक पहलू

भारत के रेड लाइट एरिया न केवल सामाजिक समस्या के प्रतीक हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि इस व्यापार से जुड़े आर्थिक और कानूनी मुद्दे कितने जटिल हैं। हालांकि सरकारें और समाज सेवी संस्थाएं इस मुद्दे को हल करने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन यह समस्या इतनी जड़ें जमा चुकी है कि इसे समाप्त करना एक बड़ी चुनौती है।

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